मई दिवस व श्रमिक दिवस का अन्तर
कभी शिकागो में हुए श्रमिक उत्पीड़न के विरुद्ध उचित है आक्रोश ,
किन्तु नकारात्मकता ही होता है आक्रोश से उपजा हुआ वह जोश।
शिकागो या वामपंथियों के लिए तो बस एक मुद्दा चाहिए,
भारत के श्रमिकों के लिए एक सकारात्मक उर्जा चाहिए।
मुद्दा व उर्जा का यही अन्तर मई दिवस श्रमिक दिवस का अन्तर है,
विश्वकर्मा जयन्ती 17 सित. में वह उर्जा है श्रमिक दिवस का मंत्र है।।
सोने की लंका व समुद्र में द्वारिका के निर्माण का निर्देश लेते हैं,
भगवान विश्वकर्मा संघर्ष का नहीं सृजन का सदा सन्देश देते हैं।।-तिलक
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देश केवल भूमि का एक टुकड़ा नहीं | -तिलक संपादक
देश केवल भूमि का एक टुकड़ा, एक आरामगाह, बाज़ार समझते हैं जो, कितना ही लुटा दो उन पर संतुष्ट नहीं होते। जानते हैं शोर मचाकर और लूट सकते हैं। कर्तव्य नहीं है कुछ उनका, अधिकारों का मचा शोर हैं। कर्तव्य हिन्दू के अधिकार दूसरों के-यह आज़ादी कैसी व किस की? वोटबैंक राजनीति, देश की सुरक्षा से खिलवाड़, किसी के हित में नहीं, स्वार्थवश राष्ट्रद्रोह है। (निस्संकोच टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट संपर्कसूत्र - https://t.me/ydmstm - तिलक रेलन वरि पत्रकार, युगदर्पण 👑 9971065525,
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