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बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

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Sunday, March 13, 2022

*👉11वा खेल महाकुंभ, उद्घाटन गुजरात में मोदी👈*

,<b>*<b>👉गुजरात में 11वें खेल महाकुंभ का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी👈* 
*युदस/पसुका नदि: 12 मार्च 2022:* गुजरात में 11वें खेल महाकुंभ के उद्घाटन पर बोले प्रधानमंत्री मोदी-</b> </b> 
नमस्कार! भारत माता की जय! 
अपने भाषण में मोदी ने,
गुजरात के गवर्नर आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, भाजपा के अध्यक्ष सी आर पाटिल, गुजरात सरकार में खेल राज्य मंत्री हर्ष सांघवी, सांसद हंसमुख भाई पटेल, नरहरि अमीन और अहमदाबाद के नगर अध्यक्ष किरीट कुमार परमार, सहित अन्य महानुभाव और गुजरात के कोने-कोने से आए युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा-

मेरे सामने ये युवा जोश का ये सागर, ये उमंग, ये उत्साह की लहरें, ये स्पष्ट बता रही हैं कि गुजरात का नवयुवक आप सब आकाश छूने के लिए तैयार हैं। ये न केवल खेलों का महाकुंभ है, बल्कि ये गुजरात की युवा शक्ति का भी महाकुंभ है। इसके साथ ही मोदी ने 11वें खेल महाकुंभ के लिए सभी युवाओं को ढेर सारी शुभकामनाएं दी। तथा गुजरात सरकार को, विशेष रूप से मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल को भी इस भव्य आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई दी। मोदी ने कहा, कोरोना के कारण दो वर्षों तक खेल महाकुंभ स्थगित रहा। किन्तु भूपेन्द्र भाई ने जिस भव्यता के साथ इस आयोजन को आरंभ किया है, उसने युवा खिलाड़ियों को नए जोश से भर दिया है। 

मोदी ने कह,

मुझे याद है, 12 वर्ष पूर्व 2010 में गुजरात के मुख्‍यमंत्री के नाते, उस कार्यकाल में खेल महाकुंभ के आरंभ को स्मरण करते कहा, अपने बोए सपने के बीज को, आज इतने विशाल वटवृक्ष का आकार लेते देख रहा हूँ। 2010 में प्रथम खेल महाकुंभ में ही गुजरात ने 16 खेलों में 13 लाख खिलाड़ियों के साथ इसका आरंभ किया था। जबकि 2019 में हुये खेल महाकुंभ में ये भागीदारी 13 लाख से 40 लाख युवाओं तक पहुँच गई थी। 36 खेलों, और 26 अर्ध-खेलों में 40 लाख खिलाड़ी! कबड्डी, खो-खो तथा रस्साकसी से लेकर योगासन और मल्लखंभ तक! मोदी ने कहा- स्केटिंग और टेनिस से लेकर फेंसिंग तक, प्रत्येक खेल में हमारे युवा आज कमाल कर रहे हैं और अब ये आंकड़ा 40 लाख को पार करके 55 लाख पहुंच रहा है। 
‘शक्तिदूत’ जैसे कार्यक्रमों के द्वारा खेल महाकुंभ के खिलाड़ियों को सहयोग देने का दायित्व भी सरकार उठा रही है। और ये जो सतत अविराम प्रयास किये गए, खिलाड़ियों ने जो साधना की और जब खिलाड़ी प्रगति करता है तो उसके पीछे एक लंबी तपस्‍या होती है। जो संकल्प गुजरात के लोगों ने मिलकर लिया था, वो आज विश्व में अपना परचम लहरा रहा है। 

नौजवान को सम्बोधित करते मोदी बोले, ये गुजरात की युवा शक्ति का आपको गर्व है? गुजरात के खिलाड़ी पराक्रम कर रहे हैं, आपको गर्व हो रहा है? खेल महाकुंभ से निकलने वाले युवा ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ और एशियन खेलों सहित कई वैश्विक खेलों में आज देश का और गुजरात का युवा अपनी छटा बिखेर रहे हैं। ऐसी ही प्रतिभाएं इस महाकुंभ से भी आपके बीच से ही निकलने वाली हैं। खिलाड़ी युवा तैयार करते हैं। खेल के मैदान से उभरते हैं और पूरे भारत का ध्वज विश्व में लहराते हैं।

मोदी ने आगे कहा, एक समय था जब खेल जगत में भारत की पहचान केवल एक दो खेलों के बल पर टिकी थी। इसका परिणाम ये हुआ कि जो खेल देश के गौरव और पहचान से जुड़े थे, उन्हें भी भुला दिया गया। इस कारण से खेलों से जुड़े संसाधन बढ़ाने, खेल आधार भूत संरचना को आधुनिक बनाने पर ध्यान देना चाहिए था, जितनी प्राथमिकता देनी चाहिए थी, वो एक प्रकार से रुक गया था। इतना ही नहीं, जैसी राजनीति में भाई-भतीजावाद घुस गया है, खेल जगत में भी खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता की कमी भी एक बहुत बड़ा कारण था। खिलाड़ियों की सारी प्रतिभा समस्याओं से जूझने में ही निकल जाती थी। उस भंवर से निकलकर भारत के युवा आज आकाश छू रहे हैं। स्वर्ण और रजत की चमक देश के आत्मविश्वास को भी चमका रही है और चमत्कार का अनुभव भी करा रही है। विश्व का सबसे युवा देश खेल के मैदान में भी एक शक्ति बनकर उभर रहा है। टोक्यो ओलम्पिक और अर्द्धओलम्पिक, उसमें हमारे खिलाड़ियों ने इस परिवर्तन को प्रमाणित किया है। टोक्यो ओलम्पिक में भारत ने प्रथम बार 7 पदक जीते हैं। यही स्थिति भारत के बेटे-बेटियों ने टोक्यो अर्द्धओलम्पिक में भी बनाया। भारत ने इस वैश्विक प्रतियोगिता में 19 पदक जीते। किन्तु, साथियों, ये तो आरम्भ है। न भारत रुकने वाला है, न थकने वाला है। मुझे मेरे देश की युवा शक्ति पर विश्वास है, मुझे मेरे देश के युवा खिलाड़ियों की तपस्या पर विश्वास है, मुझे मेरे देश के युवा खिलाड़ियों के सपने, संकल्प और समर्पण पर विश्वास है। और इसलिए आज मैं लाखों युवाओं के सामने साहस के साथ कह सकता हूं कि भारत की युवा शक्ति इसे बहुत आगे लेकर जाएगी। वो दिन दूर नहीं जब हम कई खेलों में, कई पदक एक साथ जीतने वाले देशों में भारत का तिरंगा लहराएंगे। https://t.me/ydms_oll अभी है-,<b>*<b>👉गुजरात में 11वें खेल महाकुंभ का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी👈* 
*युदस/पसुका नदि: 12 मार्च 2022:* गुजरात में 11वें खेल महाकुंभ के उद्घाटन पर बोले प्रधानमंत्री मोदी-</b> </b> 
नमस्कार! भारत माता की जय! 
अपने भाषण में मोदी ने,
गुजरात के गवर्नर आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, भाजपा के अध्यक्ष सी आर पाटिल, गुजरात सरकार में खेल राज्य मंत्री हर्ष सांघवी, सांसद हंसमुख भाई पटेल, नरहरि अमीन और अहमदाबाद के नगर अध्यक्ष किरीट कुमार परमार, सहित अन्य महानुभाव और गुजरात के कोने-कोने से आए युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा-

मेरे सामने ये युवा जोश का ये सागर, ये उमंग, ये उत्साह की लहरें, ये स्पष्ट बता रही हैं कि गुजरात का नवयुवक आप सब आकाश छूने के लिए तैयार हैं। ये न केवल खेलों का महाकुंभ है, बल्कि ये गुजरात की युवा शक्ति का भी महाकुंभ है। इसके साथ ही मोदी ने 11वें खेल महाकुंभ के लिए सभी युवाओं को ढेर सारी शुभकामनाएं दी। तथा गुजरात सरकार को, विशेष रूप से मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल को भी इस भव्य आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई दी। मोदी ने कहा, कोरोना के कारण दो वर्षों तक खेल महाकुंभ स्थगित रहा। किन्तु भूपेन्द्र भाई ने जिस भव्यता के साथ इस आयोजन को आरंभ किया है, उसने युवा खिलाड़ियों को नए जोश से भर दिया है। 

मोदी ने कह,

मुझे याद है, 12 वर्ष पूर्व 2010 में गुजरात के मुख्‍यमंत्री के नाते, उस कार्यकाल में खेल महाकुंभ के आरंभ को स्मरण करते कहा, अपने बोए सपने के बीज को, आज इतने विशाल वटवृक्ष का आकार लेते देख रहा हूँ। 2010 में प्रथम खेल महाकुंभ में ही गुजरात ने 16 खेलों में 13 लाख खिलाड़ियों के साथ इसका आरंभ किया था। जबकि 2019 में हुये खेल महाकुंभ में ये भागीदारी 13 लाख से 40 लाख युवाओं तक पहुँच गई थी। 36 खेलों, और 26 अर्ध-खेलों में 40 लाख खिलाड़ी! कबड्डी, खो-खो तथा रस्साकसी से लेकर योगासन और मल्लखंभ तक! मोदी ने कहा- स्केटिंग और टेनिस से लेकर फेंसिंग तक, प्रत्येक खेल में हमारे युवा आज कमाल कर रहे हैं और अब ये आंकड़ा 40 लाख को पार करके 55 लाख पहुंच रहा है। 
‘शक्तिदूत’ जैसे कार्यक्रमों के द्वारा खेल महाकुंभ के खिलाड़ियों को सहयोग देने का दायित्व भी सरकार उठा रही है। और ये जो सतत अविराम प्रयास किये गए, खिलाड़ियों ने जो साधना की और जब खिलाड़ी प्रगति करता है तो उसके पीछे एक लंबी तपस्‍या होती है। जो संकल्प गुजरात के लोगों ने मिलकर लिया था, वो आज विश्व में अपना परचम लहरा रहा है। 

नौजवान को सम्बोधित करते मोदी बोले, ये गुजरात की युवा शक्ति का आपको गर्व है? गुजरात के खिलाड़ी पराक्रम कर रहे हैं, आपको गर्व हो रहा है? खेल महाकुंभ से निकलने वाले युवा ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ और एशियन खेलों सहित कई वैश्विक खेलों में आज देश का और गुजरात का युवा अपनी छटा बिखेर रहे हैं। ऐसी ही प्रतिभाएं इस महाकुंभ से भी आपके बीच से ही निकलने वाली हैं। खिलाड़ी युवा तैयार करते हैं। खेल के मैदान से उभरते हैं और पूरे भारत का ध्वज विश्व में लहराते हैं।

मोदी ने आगे कहा, एक समय था जब खेल जगत में भारत की पहचान केवल एक दो खेलों के बल पर टिकी थी। इसका परिणाम ये हुआ कि जो खेल देश के गौरव और पहचान से जुड़े थे, उन्हें भी भुला दिया गया। इस कारण से खेलों से जुड़े संसाधन बढ़ाने, खेल आधार भूत संरचना को आधुनिक बनाने पर ध्यान देना चाहिए था, जितनी प्राथमिकता देनी चाहिए थी, वो एक प्रकार से रुक गया था। इतना ही नहीं, जैसी राजनीति में भाई-भतीजावाद घुस गया है, खेल जगत में भी खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता की कमी भी एक बहुत बड़ा कारण था। खिलाड़ियों की सारी प्रतिभा समस्याओं से जूझने में ही निकल जाती थी। उस भंवर से निकलकर भारत के युवा आज आकाश छू रहे हैं। स्वर्ण और रजत की चमक देश के आत्मविश्वास को भी चमका रही है और चमत्कार का अनुभव भी करा रही है। विश्व का सबसे युवा देश खेल के मैदान में भी एक शक्ति बनकर उभर रहा है। टोक्यो ओलम्पिक और अर्द्धओलम्पिक, उसमें हमारे खिलाड़ियों ने इस परिवर्तन को प्रमाणित किया है। टोक्यो ओलम्पिक में भारत ने प्रथम बार 7 पदक जीते हैं। यही स्थिति भारत के बेटे-बेटियों ने टोक्यो अर्द्धओलम्पिक में भी बनाया। भारत ने इस वैश्विक प्रतियोगिता में 19 पदक जीते। किन्तु, साथियों, ये तो आरम्भ है। न भारत रुकने वाला है, न थकने वाला है। मुझे मेरे देश की युवा शक्ति पर विश्वास है, मुझे मेरे देश के युवा खिलाड़ियों की तपस्या पर विश्वास है, मुझे मेरे देश के युवा खिलाड़ियों के सपने, संकल्प और समर्पण पर विश्वास है। और इसलिए आज मैं लाखों युवाओं के सामने साहस के साथ कह सकता हूं कि भारत की युवा शक्ति इसे बहुत आगे लेकर जाएगी। वो दिन दूर नहीं जब हम कई खेलों में, कई पदक एक साथ जीतने वाले देशों में भारत का तिरंगा लहराएंगे। https://t.me/ydms_oll अभी है- 
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण
देश केवल भूमि का एक टुकड़ा नहीं | -तिलक संपादक