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Tuesday, November 17, 2015

विश्व हिंदू परिषद के पितामह अशोक सिंघल का निधन

विश्व हिंदू परिषद के पितामह अशोक सिंघल का निधन 
युगदर्पण समाचार 
17 नवंबर 2015    गुड़गांव 

अस्सी के दशक के अंतिम वर्षों और बाद के दिनों में राम जन्मभूमि आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले विहिप शिखर पुरुष अशोक सिंघल जी का आज यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डा प्रवीण तोगड़िया ने बताया कि सांस संबंधी और अन्य परेशानियों के बाद पिछले शनिवार को मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराए गए, सिंघल का हृदय गति रूकने और सेप्टीसीमिया के कारण दिन में दो बजकर 24 मिनट पर निधन हो गया। 
श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन के कर्णधार, श्रीराम मंदिर के शिल्पकार, हिन्दू ह्रदय सम्राट के सम्बोधन से जाने जाते एवं आजीवन अविवाहित और आरएसएस प्रचारक रहे सिंघल ने, दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस तक कारसेवक अभियान चलाने में आक्रामक शैली अपनायी थी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से धातु विज्ञान इंजीनियरिंग में स्नातक, सिंघल ने अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में संगठन को आगे बढ़ाया। दुनिया भर में समर्थक बनाकर और शाखाएं लगाकर, इसे अंतरराष्ट्रीय पटल पर लाने की कोशिश की। विहिप के अभियान में विदेशी समर्थकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके पूर्व मीनाक्षीपुरम में कथित कुलीन हिन्दुओं द्वारा मन्दिर प्रवेश रोकने की घटना के बाद सामूहिक धर्मान्तरण से हिलती समाज की नींव उस एक युगपुरुष को ऐसा झंझोड़ गई थी कि उसे धातु विज्ञान से समाज उत्थान की ओर मोड़ दृष्टी व ध्येय से युक्त साधक बना दिया। वहां जिनके लिए मंदिर के द्वार बंद हो चुके थे, 200 से अधिक मंदिर बनवा कर घर वापसी का मार्ग प्रशस्त कर समाज को एक नई दिशा दी। 
मुगलों अंग्रेजों व काले अंग्रेजों के शासन की मार से बीमार समाज की पीड़ाओं का उपचार करते करते वो साधक स्वयं राइट लोअर लोब निमोनिया से पीड़ित होने के बाद, सिंघल को उपचार के लिए अस्पताल की सघन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। उन्हें 14 नवंबर की शाम से वेंटिलेटर पर रखा गया था। अस्पताल ने सोमवार को बताया था कि सांस संबंधी, तंत्रिका विज्ञान, गुर्दा, एंडोक्रीनोलॉजी विशेषज्ञों वाली एक टीम सिंह के उपचार में लगी थी। हिन्दू समाज का उपचारक जब रुग्ण था, चिकित्सक उसे बचा न सके। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंघल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अशोक सिंघलजी का निधन गहरी निजी क्षति है। वह अपने आप में एक संस्था थे, जिन्होंने आजीवन देश की सेवा की।’’ उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि अशोकजी का उन्हें हमेशा आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा, ‘‘उनके परिवार और अनगिनत समर्थकों को मेरी संवेदनाएं।’’ प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि अशोक सिंघल कई अनूठी चीजों और सामाजिक कार्यों के प्रेरणास्रोत थे, जिनका फायदा गरीबों को मिला। ‘वह पीढियों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।’
सिंघल के पार्थिव शरीर को, रात में मध्य दिल्ली में झंडेवालान में आरएसएस कार्यालय में लाया जाएगा। तोगड़िया ने बताया कि बुधवार दिन में तीन बजे तक वहां उनके पार्थिव शरीर को रखा जाएगा, जिससे कि लोग अंतिम दर्शन कर सके। इसके बाद निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा। 
आगरा में दो अक्तूबर 1926 को जन्मे सिंघल ने वर्ष 1950 में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के ‘इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी’ से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। वह वर्ष 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये थे, लेकिन स्नातक की पढाई पूरी करने के बाद वह पूर्णकालिक प्रचारक बने। उन्होंने उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर काम किया और दिल्ली तथा हरियाणा के प्रांत प्रचारक बने। वर्ष 1980 में उन्हें विहिप में जिम्मेदारी देते हुए इसका संयुक्त महासचिव बनाया गया। वर्ष 1984 में वह इसके महासचिव बने और बाद में इसके कार्यकारी अध्यक्ष का पद सौंपा गया। इस पद पर वह दिसंबर 2011 तक रहे।
नकारात्मक मीडिया के लिए यह मात्र एक समाचार है किन्तु भारत और हिंदुत्व के लिए अपूरणीय क्षति की घडी है। विहिप को भले तोगड़िया के रूप में अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने पर भी अशोक जी का स्थान भर लिया जाये किन्तु उनके कार्य, उनका स्मरण कर सपनो को साकार हम करते रहेंगे, यही हमारी उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। परमात्मा समाज पर पड़ी समय की धूल को साफ करने ऐसे प्रेरणा पुञ्ज भेजते रहें। वन्दे -
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक 7531949051, 9910774607, 01125835525.
देश केवल भूमि का एक टुकड़ा नहीं | -तिलक संपादक

Thursday, September 17, 2015

जीवेत शरद: शतम्,

जीवेत शरद: शतम्,
जीवेत शरद: शतम्, ''ईश्वर आपको अच्छा स्वास्थ्य और राष्ट्र की सेवा करने के सभी प्रयासों में आपके सफलता एवं आज के इस महाराणा प्रताप '65 वर्षीय प्रमं नरेंद्र मोदी जी' को परमात्मा जयचंदो- मानसिंहों के सभी कुचक्रों से बचाये।’’ इन शुभकामनाओं सहित - तिलक, युगदर्पण मीडिया समूह 7531949051. 
अब हम सब मिलकर बिकाऊ मैकालेवादी, शर्मनिरपेक्ष मीडिया को परास्त कर सकते हैं। इसका एक मात्र सार्थक, व्यापक, विकल्प युगदर्पण "राष्ट्र वादी मीडिया" सुदृढ़ हो सकता है।http://yugdarpans.simplesite.com/420221452
देश केवल भूमि का एक टुकड़ा नहीं | -तिलक संपादक

Thursday, July 30, 2015

युगपुरुष डा कलाम को अंतिम सलाम

युगपुरुष डा कलाम को अंतिम सलाम 
जीवन यात्रा 15 अक्टू 1931 -27 जुलाई 2015

धनुष्कोटी गाँव, रामेश्वरम तमिलनाडु के मध्यम वर्गीय मुस्लिम संयुक्त परिवार में जन्मे महान व्यक्तित्व के धनी,  अंतरिक्ष विज्ञानं, परमाणु व विज्ञानं के अन्य क्षेत्रों में भारत एक महाशक्ति के स्वपन दृष्टा, मिसाइल मैन अनंत में लीन, उनके स्वप्न को साकार करना ही, एक सच्ची श्रद्धांजलि। देश के 125 कोटि दिलों की धड़कन की भावभीनी अंतिम विदाई में, समाज का हर वर्ग जाति समुदाय, हर आयु का हर व्यक्ति ऐसी पीड़ा का अनुभव कर रहा था जैसे राम वनवास में अयोध्या। किन्तु ये राम कभी लौट कर तो नहीं आएगा, केवल स्मृती पटल पर अमिट छाप के साथ अमर हो, धनुष्कोटी
के पी करूम्बु ग्राउंड की मिट्टी में सो गया।
आरम्भिक शिक्षा के संस्कार "जीवन मे सफलता तथा अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए तीव्र इच्छा, आस्था, अपेक्षा इन तीन शक्तियो को भलीभाँति समझ लेना और उन पर प्रभुत्व स्थापित करना चाहिए।" राष्ट्रवादी सोच तथा व्यक्तिगत जीवन में शाकाहारी अति अनुशासनप्रिय डॉक्टर कलाम 18 जुलाई 2002 को 90 % बहुमत द्वारा भारत का राष्ट्रपति चुने गये थे। भारतीय युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान करने वाली जीवनी "विंग्स ऑफ फायर", आत्मिक विचारों को उद्घाटित करती "गाइडिंग सोल्स- डायलॉग्स ऑफ़ द पर्पज ऑफ़ लाइफ", राष्ट्रिय चिंतन पर इंडिया 2020 ए विज़न फ़ॉर द न्यू मिलेनियम', 'माई जर्नी' तथा 'इग्नाटिड माइंड्स- अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया' पुस्तकों सहित तमिल भाषा में कविताओं के रचयिता युगपुरुष डा कलाम, युगों युगों तक सदा हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। 



सफलता का आनन्द कठिनाइयों के पार मिलता है। डा कलाम
वे किसी एक जाति के नहीं, राष्ट्र के सच्चे सपूत थे। उन्हें कोटि कोटि नमन। संपादक युगदर्पण 7531949051 
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण
देश केवल भूमि का एक टुकड़ा नहीं | -तिलक संपादक

Wednesday, December 31, 2014

अंग्रेजी का नव वर्ष, भले ही मनाएं;

"अंग्रेजी का नव वर्ष, भले ही मनाएं; 
নববর্ষ, નવા વર્ષની, New Year, ಹೊಸ ವರ್ಷದ, പുതുവർഷം, नवीन वर्ष, 
புத்தாண்டு, న్యూ ఇయర్, ਨਵਾਂ ਸਾਲ, نئے سال
(गुलामी के संकेत/हस्ताक्षर, जो मनाना चाहें)
उमंग उत्साह, चाहे जितना दिखाएँ; 
चैत्र के नव रात्रे, जब जब भी आयें
घर घर सजाएँ, उमंग के दीपक जलाएं; 
आनंद से, ब्रह्माण्ड तक को महकाएं; 
विश्व में, भारत का गौरव बढाएं " 
भारत भ्रष्टाचार व आतंकवाद से मुक्त हो, 
हम अपने आदर्श व संस्कृति को पुनर्प्रतिष्ठित कर सकें ! 
इन्ही शुभकामनाओं के साथ, 
जनवरी 2015, ही क्यों ? वर्ष के 365 दिन ही मंगलमय हों, 
भवदीय... तिलक 
संपादक युगदर्पण राष्ट्रीय साप्ताहिक हिंदी समाचार-पत्र. YDMS 07531949051.

Bangla... 

 অংগ্রেজী কা নব বর্ষ, ভলে হী মনাএং 

 "অংগ্রেজী কা নব বর্ষ, ভলে হী মনাএং; (দাসত্ব সংকেত / সাইন, যা তুষ্ট হতে পারে) উমংগ উত্সাহ, চাহে জিতনা দিখাএঁ; চৈত্র কে নব রাত্রে, জব জব ভী আযেং; ঘর ঘর সজাএঁ, উমংগ কে দীপক জলাএং; আনংদ সে, ব্রহ্মাণ্ড তক কো মহকাএং; বিশ্ব মেং, ভারত কা গৌরব বঢাএং "জানুয়ারি 1, 2015,হী কেন ? বর্ষ কে 365 দিন হী মংগলময হোং, ভারত ভ্রষ্টাচার ব আতংকবাদ সে মুক্ত হো, হম অপনে আদর্শ ব সংস্কৃতি কো পুনর্প্রতিষ্ঠিত কর সকেং ! ইন্হী শুভকামনাওং কে সাথ, ভবদীয.. তিলক সংপাদক যুগদর্পণ রাষ্ট্রীয সাপ্তাহিক হিংদী সমাচার-পত্র. YDMS 09911111611. 
Tamil... "அங்க்றேழி கா நவ்வர்ஷ், பாளே ஹாய் மணாஎன்"
 "அங்க்றேழி கா நவ்வர்ஷ், பாளே ஹாய் மணாஎன்; (மயக்க இது அடிமைத்தன சமிக்ஞை / அடையாளம்,) உமங்க் உட்சாஹ், சாஹெ சித்னா டிக்ஹாஎன்; செட்ர் கே நவ்ராற்றே, ஜப் ஜப் பீ ஆயேன்; கர் கர் சஜாயேன், உமாங் கே தீபக் ஜலாயேன்; ஆனந்த சே, பிராமாந்து தக் கோ மஹ்காயென்; விஷ்வ மீ, பாரத் கா கௌரவ் படாஎன். "ஜனவரி 1, 2015, ஏன்ஒரே ஒரு? வ வர்ஷ் கே 365 டின் ஹாய் மங்கலமாய் ஹோண், பாரத் பிராஷ்டாச்சர் வ ஆடன்க்வாத் சே முகத் ஹோ, ஹம அப்னே ஆதர்ஷ் வ சன்ச்க்ருடி கோ புன்ர்ப்ரடிஷ்திட் கற் சகேன் ! இன்ஹி சுபா காமனாஒன் கே சாத், பாவ்டிய.. திலக் சம்பாடக் யுக டர்பன் ராஷ்ட்ரிய சப்டாஹிக் ஹிந்தி சமாச்சார்-பற்ற. YDMS 09911111611.
 Eng.  "One may celebrate even English New Year, (Slavery signal / sign, you may coax) with exaltation and excitement; Chaitra Nav Ratre whenever it comes; decorate house, enlighten with lamps of exaltation; enjoy, even enrich the universe with Happiness; Increase the India's pride in the world, Why January 1, 2013, alone ? All the 365 days of the year are Auspicious, May India be free of corruption and terrorism, we can ReEstablish Ideals, values and culture ! with these good wishes, Sincerely .. Tilak editor YugDarpan Hindi national weekly newspaper. YDMS 09,911,111,611.
 Odiya ..not getting ? 
 "Angrejee kaa nav-varsh, bhale hi manaayen; (Gulaami ke sanket /  , jo  manana  chahen ? umang utsaah, chaahe jitnaa dikhaayen; chetr ke nav-raatre, jab jab bhi aayen; ghar ghar sajaayen, umang ke deepak jalaayen; Aanand se, brahmaand tak ko mahkaayen; Vishva me, Bhaarat kaa gaurav badaayen." matr 1 Jan 2015, hi kyon ? varsh ke 365 din hi mangalmay hon, Bhaarat bhrashtaachar v aatankvaad se mukt ho, ham apne aadarsh v sanskruti ko punrpratishthit kar saken ! inhi shubhakaamanaaon ke saath, bhavdiya.. Tilak Sampaadak Yug Darpan Raashtriya Saptaahik Hindi Samaachar-Patra. YDMS 09911111611.
 Telugu "అంగ్రేజీ కా నవ్వర్ష్, భలే హాయ్ మనాఎన్; 
"అంగ్రేజీ కా నవ్వర్ష్, భలే హాయ్ మనాఎన్; (పొగడ్తలు ఇది బానిసత్వం సిగ్నల్ / గుర్తు) ఉమంగ్ ఉత్సః, చాహే జితనా దిఖాఎన్; చేతర్ కె నవరాత్రు, జబ జబ భి ఆయెన్; ఘర్ ఘర్ సజాఎన్, ఉమంగ్ కె దీపక్ జలాఎన్; ఆనంద్ సే, బ్రహ్మాండ్ తక కో మహ్కాఎన్; విశ్వ మే, భారత్ కా గౌరవ్ బదాఎన్. " జనవరి 1, 2015, ఎందుకు మాత్రమే  వ వర్ష కె 365 దిన్ హాయ్ మంగల్మి హాన్, భారత్ భ్రష్టాచార్ వ ఆటన్క్వాద్ సే ముక్త  హో, హం అపనే ఆదర్శ్ వ సంస్కృతి కో పున్ర్ప్రతిశ్తిట్ కర్ సకేన్ ! ఇంహి శుభాకామనావున్ కె సాత్, భవదీయ.. తిలక్ సంపాదక్ యుగ దర్పన్ రాష్ట్రీయ సప్తాహిక్ హిందీ సమాచార్-పాత్ర. YDMS 09911111611.
 Gujrati અંગ્રેઝી કા નવવર્ષ, ભલે હી માંનાયેન; 
"અંગ્રેઝી કા નવવર્ષ, ભલે હી માંનાયેન; (સ્લેવરી સિગ્નલ / સાઇન છે, કે જે મનાવવું શકે છે) ઉમંગ ઉત્સાહ, ચાહે જીતના દીખાયેન; ચેત્ર કે નવરાત્રે, જબ જબ ભી આયેન; ઘર ઘર સજાયેન, ઉમંગ કે દિપક જલાયેન; આનંદ સે, બ્રહ્માંડ તક કો મહ્કાયેન; વિશ્વ મેં, ભારત કા ગૌરવ  બદાયેન. "માત્ર જાન્યુઆરી 1, 2015, શા માટે? વર્ષ કે 365 દિન હી મંગલમય હોં, ભારત ભ્રષ્ટાચાર વ આતંકવાદ સે મુક્ત હો, હમ અપને આદર્શ વ સંસ્કૃતિ કો પુન્ર્પ્રતીશ્થીત કર સકેં ! ઇન્હી શુભકામનાઓન કે સાથ, ભવદીય.. તિલક સંપાદક યુગ દર્પણ રાષ્ટ્રીય સાપ્તાહિક હિન્દી સમાચાર -પત્ર.YDMS 09911111611.
 kannad "ಆಂಗ್ರೆಶಿ ಕಾ ನವ -ವರ್ಷ, ಭಲೇ ಹಿ ಮನಾಯೇನ್; 
"ಆಂಗ್ರೆಶಿ ಕಾ ನವ -ವರ್ಷ, ಭಲೇ ಹಿ ಮನಾಯೇನ್; (ಏಕಾಕ್ಷ ಇದು ಗುಲಾಮಗಿರಿ ಸಂಕೇತ / ಸೈನ್) ಉಮಂಗ್ ಉತ್ಸಃ, ಚಾಹೆ ಜಿತನಾ ದಿಖಾಯೇನ್; ಚೆತ್ರ್ ಕೆ ನವ್ರಾತ್ರೆ, ಜಬ್ ಜಬ್ ಭಿ ಆಯೇನ್; ಘರ್ ಘರ್ ಸಜಾಯೇನ್, ಉಮಂಗ್ ಕೆ ದೀಪಕ್ ಜಲಾಯೇನ್; ಆನಂದ್ ಸೆ, ಬ್ರಹ್ಮಾಂದ್ ತಕ ಕೊ ಮಹ್ಕಾಯೇನ್; ವಿಶ್ವ ಮೇ, ಭಾರತ ಕಾ ಗೌರವ್ ಬದಾಯೇನ್. "ಜನವರಿ 1, 2015, ಏಕೆ ಮಾತ್ರ ವ ವರ್ಷ ಕೆ 365 ದೀನ್ ಹಿ ಮಂಗಲ್ಮಿ ಹೊಂ, ಭಾರತ ಭ್ರಷ್ತಾಚರ್ ವ ಆತಂಕ್ವಾದ್ ಸೆ ಮುಕ್ತ ಹೊ, ಹಮ್ ಅಪನೇ ಆದರ್ಶ್ ವ ಸಂಸ್ಕೃತಿ ಕೊ ಪುನ್ರ್ಪ್ರತಿಷ್ಟ್ಹತ್  ಕರ್  ಸಕೆನ್ ! ಇನ್ಹಿ ಶುಭಕಾಮನಾಒನ್ ಕೆ ಸಾಥ್, ಭಾವ್ದಿಯ.. ತಿಲಕ್ ಸಂಪಾಡಕ್ ಯುಗ ದರ್ಪಣ್ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸಪ್ತಾಹಿಕ್ ಹಿಂದಿ ಸಮಾಚಾರ್ -ಪತ್ರ . YDMS 09911111611.
 Gumu. "ਅੰਗ੍ਰੇਜੀ ਦਾ ਨਵਾਂ ਵਰਸ਼ ਭਲੇ ਹੀ ਮਨਾਓ
"ਅੰਗ੍ਰੇਜੀ ਦਾ ਨਵਾਂ ਵਰਸ਼ ਭਲੇ ਹੀ ਮਨਾਓ, ਗੁਲਾਮੀ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਕ /ਸੰਕੇਤ, ਉਮੰਗ ਉਤਸਾਹ ਚਾਹੇ ਜਿਤਨਾ ਦਿਖਾਓ; ਚੇਤਰ ਦੇ ਨਵਰਾਤਰੇ ਜਦ ਜਦ ਵੀ ਆਉਣ; ਘਰ ਘਰ ਸਜਾਓ, ਉਮੰਗ ਦੇ ਦੀਪਕ ਜਲਾਓ; ਆਨਾਨਾਦ ਨਾ ਬ੍ਰਹ੍ਮਾੰਡ ਨੂ ਮਹ੍ਕਾਓ, ਵਿਸ਼ਵ ਵਿਚ, ਭਾਰਤ ਦਾ ਗ਼ੋਰਾਵ ਵਧਾਓ. "1 ਜਨ. 2015 ਹ ਕਯੋਂ ? ਵ ਵਰ੍ਸ਼ ਦੇ 365 ਦਿਨ ਹੀ ਮੰਗਲ ਮਯ ਹੋਣ, ਭ੍ਰਸ਼੍ਟਾਚਾਰ ਤੇ ਆਤੰਕ ਵਾਦ ਤੋਂ ਭਾਰਤ ਮੁਕਤ ਹੋਵੇ, ਅਸਾਂ ਆਪਣੇ ਆਦਰ੍ਸ਼ ਤੇ ਸੰਸਕ੍ਰਿਤਿ ਨੂੰ ਫੇਰ ਸ੍ਥਾਪਿਤ ਕਰ ਸਕਿਏ ! ਇਨਹਾਂ ਸ਼ੁਭ ਕਾਮਨਾਵਾਂ ਦੇ ਨਾਲ, ਆਪਦਾ.. ਤਿਲਕ -ਸੰਪਾਦਕ ਯੁਗ ਦਰ੍ਪਣ, ਰਾਸ਼੍ਟ੍ਰੀਯ ਸਾਪ੍ਤਾਹਿਕ ਸਮਾਚਾਰ ਪਤ੍ਰ. YDMS 09911111611.
 malm "അന്ഗ്രെജീ  കാ  നവ വര്‍ഷ, ഭലേ ഹി മനായേന്‍; 
"അന്ഗ്രെജീ  കാ  നവ വര്‍ഷ, ഭലേ ഹി മനായേന്‍; (ഗുലാമി ക പ്രറ്റീക്/സന്കെറ്റ്, ജോ മനന ചാഹെ) ഉമന്ഗ് ഉറ്റ്സാഹ്, ചാഹെ ജിതനാ ദിഖയെന്‍; ചേട്ര്‍ കെ നവ്രട്രെ, ജബ് ജബ് ഭീ ആയെന്‍; ഘര്‍ ഘര്‍ സജായെന്‍, ഉമന്ഗ് കെ ദീപക് ജലായെന്‍; ആനന്ദ് സെ, ബ്രഹ്മാന്ദ് ടാക് കോ മഹാകായെന്‍; വിശ്വ് മി, ഭാരത കാ ഗൌരവ് ബടായെന്‍. "ഐ ജന. 2015 ഹി ക്യോന്‍? വ വര്‍ഷ കെ 365 ദിന്‍ ഹി മങ്ങല്‍മി ഹോണ്‍, ഭാരത ഭ്രാഷ്ടാചാര്‍ വ ആടങ്ക്വാദ് സെ മുക്റ്റ് ഹോ, ഹാം അപ്നെ ആദര്‍ശ് വ സന്സ്ക്രുടി കോ പുന്ര്പ്രടിശ്തിറ്റ് കാര്‍ സകെന്‍ ! ഇന്ഹി ശുഭ കാമ്നാഒന്‌ കെ സാത്, ഭവദീയ.. തിളക് സംപാടാക് യുഗ്ദാര്പന്‍ രാഷ്ട്രീയ ഹിന്ദി സമാചാര്‍ പടര്‍. YDMS 09911111611. 

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Wednesday, December 24, 2014

भारत रत्न पं. मालवीय और अटलजी,

25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी 90 वर्ष के हो गए हैं। 
25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी 90 वर्ष के हो गए हैं और महामना मदन मोहन मालवीय की 153वीं जयंती है। केंद्र सरकार पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के जन्‍मदिन को सुशासन दिवस के रूप में मना रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्‍हें उनके घर जाकर जन्‍मदिन की बधाई दी। मोदी को पहले बनारस जाना था। किन्तु कार्यक्रम में परिवर्तन करते हुए, वह पहले अटलजी के घर गए। 
सरकार बुधवार को अटलजी को 'भारत रत्‍न' देने की घोषणा कर जन्‍मदिन का उपहार पहले ही दे चुकी है। संभवत: शुक्रवार को राष्ट्रपति अटलजी और महामना को भारत रत्न दे सकते हैं। बहियु वि.वि. की स्‍थापना करने वाले पं. मालवीय 1946 में 12 नवंबर को दिवंगत हो चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी जब बनारस से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन भर रहे थे, तब उन्‍होंने कहा था कि महामना को भारत रत्‍न मिलना चाहिए। अब उनके निधन के 68 वर्ष बाद ऐसा हो रहा है।
सम्बद्ध
अटल जी ने कारगिल के बाद कहा था- मैं स्वयं को भारत रत्न कैसे दे दूंं PHOTOS: देखिए-जानिए बचपन से प्र.मं. बनने तक का 'अटल' संघर्ष /यात्रा
कमजोर स्वास्थ्य के कारण अटलजी 'भारत रत्‍न' लेने राष्ट्रपति भवन नहीं जा पाएंगे। सरकार उन्हें घर जाकर सम्मानित कर सकती है। 22 वर्ष बाद किसी नेता को भारत रत्न दिया जाएगा।
बुधवार को जब अटलजी को संकेतों में यह बताया गया, कि उन्हें भारत रत्न मिला है तो वे मुस्करा दिए। अटलजी के भांजे अनूप मिश्रा के अनुसार
भारत रत्न की घोषणा के साथ ही अटलजी के घर पर मंत्रियों का तांता लग गया। गुरुवार को जन्मदिन होने के चलते सम्बन्धी भी पहुंच रहे थे। परिजन के अनुसार, उनका स्वास्थ्य बहुत अस्थिर है। वे न बोल पाते हैं, न ठीक से सुन पाते हैं। पक्षाघात के बाद पलंग या 'व्हीलचेयर' पर ही रहते हैं। बच्चों की तरह हो गए हैं। जरा-जरा सी बात पर रूठ जाते हैं।
45 वर्ष से उनकी सेवा कर रहे शिवकुमार के अनुसार, अटलजी कभी-कभी देर रात तक जागते रहते हैं और फिर प्रात: देर तक सोए रहते हैं। वह कभी खाने के शौकीन थे, किन्तु अब मात्र तरल ही लेते हैं। एक बार रात में उनके कक्ष में टीवी चल रहा था। किसी ने बंद कर दिया, तो वे रूठ गए। बिना कुछ खाए सो गए। जब टीवी चालू  किया, तब ही माने। उन्हें अखबार अब भी चाहिए। पढ़ नहीं पाते, सुनते हैं। मिलने-जुलने वाले आते रहते हैं, किन्तु वे किसी को नहीं पहचानते। हालांकि, कुछ समय पहले सुषमा स्वराज मिलने गई थीं तो तुरंत पहचान गए थे। ओओओओ... कर खुश हो गए थे।
अटल जी के निकटस्थ रही, कई नामी विभूतियों ने, उनसे जुड़े कई रोचक संस्मरण वर्णित किये, पढ़ें:
लालकृष्ण आडवाणी ने बताया, चुनाव हारने के बाद मैं और अटल जी फिल्म देखने गए..
(दैनिक भास्कर से साभार एवं सम्पादित) 
देश केवल भूमि का एक टुकड़ा, एक आरामगाह, एक बाज़ार समझते हैं जो लोग, कितना ही लुटा दो उन पर कभी संतुष्ट नहीं होते। वो जानते हैं कि शोर मचाकर और लूट सकते हैं। कर्तव्य नहीं है कुछ उनका, अधिकारों का सदा मचाते शोर हैं। कर्तव्य हिन्दू के, अधिकार दूसरों के-यह कैसी आज़ादी व किस की? इसमें वोटबैंक राजनीति, देश की सुरक्षा से खिलवाड़, किसी के हित में नहीं, स्वार्थवश राष्ट्रद्रोह है। धर्मनिरपेक्षता के नाम इसे करने में शर्म नहीं आये तो यह शर्मनिरपेक्षता कहलाये। -तिलक 
देश केवल भूमि का एक टुकड़ा नहीं | -तिलक संपादक

Wednesday, November 5, 2014

प्रकाशपर्व की बधाइयाँ

प्रकाशपर्व की बधाइयाँ

गुरुनानक जयंती पर विशेष 
जो बोले सो निहाल सतश्री अकाल 
132235549अखिल विश्व में बसे गुरुसिख, उनके दिल बसे नानक देव। सभी को प्रकाशपर्व की कोटि कोटि बधाइयाँ, शुभकामनाये, -तिलक समस्त युगदर्पण मीडिया परिवार YDMS
गुरपूरब के पवित्र दिन का महत्व - इसे प्रकाश उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस पवित्र दिन केशधारी व सेहजधारी गुरु ग्रन्थ साहब की वाणी का अमृत, तथा कीर्तन अरदास करते हैं। इसके पूर्व प्रभात फेरियाँ निकली जाती हैं। गुरुद्वारों में अखंड लंगर तो 
कृ इस लिंक पर बटन दबाएं http://dharmsanskrutidarpan.blogspot.in/2014/11/blog-post.html
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,

योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक 
देश केवल भूमि का एक टुकड़ा नहीं | -तिलक संपादक

Sunday, September 21, 2014

Svapnon Ka Bharat (41)

Welcome, Tilak Raj Orkut

my friends (457)my communities (71)managed (9)pending (2

http://www.orkut.co.in/RedirLogin.aspx?msg=0&page=http%3A%2F%2Fwww.orkut.co.in%2FHome.aspx&pli=1&auth=DQAAALkAAABBD6Bkxjl7RGkrS4ijyflxTmqzgHz9sWFBkHMKt6stRJkQzmQKWi2zouBbc-y9FDEHQYMMikinrxFfuC1ee6OBQAl_CelwKg_OzsY2_B6i7lEy05W9tiP_LUiwNr8EX01OPG9YevIaWJX52xkgXcsPd0MxWC5tNJ56cbjtoUL9W5Mo9oOkH8BDc72lI7xtkBjrkrGRRqdMzrz-Cr6J1xZc3ekRvclYlQL1gD61sIUW2y1WwyWvAe1X6uIxkeEEMiM


मुझे अपने भारतीय होने व हिन्दू होने पर गर्व है, इसलिए भी कि ये सर्वश्रेष्ठ हैं, तथा इसलिए भी कि ये मेरा अपना व प्रिय है और प्राणों से भी प्रिय है। 
passions: concept-Vishwa ek Pariwar hai, Bazar nahin. Sabse PremSamman sehyog per Swabhiman khone ko taiyar nahin. Kattar Rashtra Premi sabsepyara Desh Hamara.
passions: concept-Vishwa ek Pariwar hai, Bazar nahin. Sabse PremSamman sehyog per Swabhiman khone ko taiyar nahin. Kattar Rashtra Premi sabsepyara Desh Hamara.
Profile views: Since Feb '06: 2,535
Today's fortune: To know the road ahead, ask those coming back
Your communities have pending members.
Last login: December 23, 2013 at 2:37 PM 

managed (9

maha Rana Pratap (29)
Last post: नव महाभारत दर्पण - Jun 19, 2013 http://www.orkut.co.in/Main#Community?cmm=103067165
My friends dedicated to Bharat (12)
Last post: नव महाभारत दर्पण - Jun 19, 2013 http://www.orkut.co.in/Main#CommMsgs?cmm=107043495&tid=6061350413229117100
युगदर्पण मित्र मंडल YugDarpan (6)
Last post: नव महाभारत दर्पण - Jun 19, 2013 http://www.orkut.co.in/Main#CommMsgs?cmm=109689919&tid=6061351607230025388
hindi patriotic poems (16)
http://www.orkut.co.in/Main#Community?cmm=93768498

my friends (457)

* " धर्मो रक्षति रक्षितः " , जिसका अर्थ है " रक्षित किया हुआ धर्म मनुष्य की रक्षा करता है " अथवा ........." जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म भी उसकी रक्षा करता है " *संगठन गढे चलो, सुपंथपर बढे चलो भला हो जिसमें देश का, वो काम सब किये चलो! * हमारी प्रेरणा:-पराजय तो संभव है पर पराजय स्वीकार कर बैठ जाना संभव नहीं, जो हल्दीघाटी रच कर उसे विजय में बदल दे वो ज्वाला है महाराणा प्रताप ; जंगलों में सेना जुटा कर नई शक्ति के साथ हल्दी घाटी का इतिहास रचने और सिखाने वाला -महाराणा प्रताप. इसी प्रेरणा से संघर्षरत रहे कई कबीले संघर्ष के कारण शिक्षा से दूर रहे -आदिवासी, जनजाति कहलाये. देश के उन सभी सिपाहियों को मेरा शत शत नमन. इतिहास प्रेरणा भी देता है शिक्षा भी. यदि विकृत हो तो विनाश भी. Warm Welcome, to your valueable presence here.
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है! इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे!!" *स्वप्नों का भारत कोरी कपोल कल्पना नहीं, हम स्वर्ण युग के विश्वगुरु हैं. यदि हम अपनी मानसिकता व वातावरण बदल सकें तो हम अब भी सक्षम हैं. नए उत्साह व निश्चय सहित मिले श्रीगणेश की राह, यही है मेरे 25 ब्लाग की चाह. हम सब व्यवस्था को दोष देते सुधर हेतु भगत सिंह की चाह रखते हैं किन्तु उसे अपने घर या पड़ोस में जन्म देना नहीं चाहते तब किस ग्रह से आयेगा भगत सिंह. कुछ पाने हेतु उसका मूल्य तो चुकाना, मातृभूमि व समाज के ऋण चुकाने हेतु कुछ करना होगा. समस्या के मूल तक जाकर निवारण भी मिलेगा. दृश्य स्पष्ट व निष्ठा हो तो सफलता भी मिलेगी. यह सब देखना है तो एक ही विकल्प है युगदर्पण. नीव मैंने बना दी है आपका सहयोग इसे गति दे. विश्वगुरु भारत के माध्यम मानवता हित हमें विजयी होना ही होगा. आत्मा विस्मृति से समुद्र लांघने में संकोच करते हनुमान को क्षमता का स्मरण आने पर चमत्कार हुआ. अब भी विस्मरण, संकोच में आत्म विश्वास से चमत्कार दिखायेंगे. मार्गदर्शिका है 25 ब्लाग.सूत्र - युगदर्पण.ब्लागस्पाट.कॉम
* " धर्मो रक्षति रक्षितः " अर्थात " रक्षित किया हुआ धर्म मनुष्य की रक्षा करता है " अथवा ....." जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म भी उसकी रक्षा करता है " *Bharat aur India bhaugolic ek ho sakte hain, bhavatmak bhinnta hai: India dedicated to maikalevad, sharmNirpeksh. Bharat ne sada Vasudhaiv Kutumbkam ko mana hai. We respect all relegion / faith but cant allow any body to delibrately disHonour our Nation, National pride, Values & faith preserved for millions of years. When Vishva Guru is dis honoured, we are left with a group of trained animals. A society without social values. Nehru said India ie Bharat, but India can't be BHARAT. 
देशका चौकीदार कहे- देश भक्तो, जागते रहो- तिलक संपादक युगदर्पण- 09911111611 " सत्य यह है कि इसकी आड़ में (देखें अध्याय 1 सूत्र 1.1 व 1.2 व अन्य), आम आदमी के नाम पर सत्ता लेकर राष्ट्र का शोषण व खोखला करने वाले लोग अपने विरोधियों को कुचलने की असीमित शक्ति बटोर रहे हैं ! हिंदी व अंग्रेजी में 60 पृष्ठ के विधेयक का सूत्र: http://www.nac.nic.in/pdf/pctvb_hindi1.pdfhttp://www.nac.nic.in/communal/com_bill.htm माना सभी हिन्दू पवित्र नहीं, राष्ट्रवादी मुस्लिम से भय नहीं, अपराधी कोई भी हो अपराधी है! कोई नापाक हरकत हिन्दू, मुस्लिम या ईसाई में भेद करे, राष्ट्र के शत्रुओं की ढाल बने, क्या राष्ट्र हित में है? विस्तार से जानें! यह विधेयक सबके मौलिक अधिकार शुन्य कर सत्ता की कठपुतली बना सकता है, गुलाम बना सकता है और उस दुर्गति से बचाने कोई भगत सिंह पैदा होने ही नहीं दिया जायेगा ! मुर्दे कभी नहीं बोलते! जो जिन्दा है वही बोलेगा ! तभी तो देश का चौकीदार कहता है देश भक्तो जागते रहो! मार्गदर्शिका है 25 ब्लाग.सूत्र - युगदर्पण.ब्लागस्पाट.कॉम 
लेखक पत्रकार राष्ट्रीय मंच (लेपराम) LPRM (राष्ट्रव्यापी व राष्ट्रसमर्पित)- संपादक युगदर्पण जन सामान्य, लेखक पत्रकार सभी में अच्छे बुरे सब लोग होते हैं, किन्तु लेखक पत्रकार बिकाऊ हो तो देश बिकने से रोकने वाले सोये रहते हैं ये देश जगाने लगें सत्ता के शिखर भी हिल जाते हैं! भ्रष्ट सरकार अब तानाशाही के चरम की और बढने लगी है! जनजागरण पर अंकुश से अपने पापों को ढका जायेगा, तब देश भक्त लेखकों, पत्रकारों का मांच ही यह कर्त्तव्य निभाने के कम आयेगा ! तो हे देश व्यापी राष्ट्र प्रेमी लेखक पत्रकारों इस राष्ट्र यज्ञ में आपका स्वागत है- तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611 मार्गदर्शिका है 25 ब्लाग.सूत्र - युगदर्पण.ब्लागस्पाट.कॉम
Bharat premi Manch, भारत प्रेमी मंच: FoR Those Who  Love Nation & Keep National  Interests Above All. Share Views. Serve Bharat. Save Bharat. देश बचाना = देश सेवा है। वन्देमातरम 
आइयें, इस के लिये संकल्प लें: भ्रम के जाल को तोड़, अज्ञान के अंधकार को मिटा कर, ज्ञान का प्रकाश फेलाएं। आइये, शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है - इस देश को लुटने से बचाने तथा बिकाऊ मेकालेवादी, मीडिया का एक मात्र सार्थक, व्यापक, विकल्प -राष्ट्र वादी मीडिया |अँधेरे के साम्राज्य से बाहर का एक मार्ग...remain connected to -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. तिलक रेलन 9911111611 ...yugdarpan.com
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका; विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक
देश केवल भूमि का एक टुकड़ा नहीं | -तिलक संपादक