वन्देमातरम् मातृभूमि की पूजा है, इसका विरोध राष्ट्रविरोधी मानसिकता का परिचायक है. राजनीति या किसीभी कारण इसे स्वीकारना, समर्थन देना इससे भी बड़ा राष्ट्रद्रोह है - तिलक ( वन्देमातरम )
भगवान् शंकर का सन्देश- मेरी बंद आंखे देखकर, मेरी सादगीपे मचलते हुए, अपनी चतुराई पे अकड़ने वालों. मेरे क्रोध के तांडव से परिचय नहीं जब तक, कुछ भी कर डालो. फिर न कहना के बताया न था.
देश केवल भूमि का एक टुकड़ा, एक आरामगाह, बाज़ार समझते हैं जो, कितना ही लुटा दो उन पर संतुष्ट नहीं होते। जानते हैं शोर मचाकर और लूट सकते हैं। कर्तव्य नहीं है कुछ उनका, अधिकारों का मचा शोर हैं। कर्तव्य हिन्दू के अधिकार दूसरों के-यह आज़ादी कैसी व किस की? वोटबैंक राजनीति, देश की सुरक्षा से खिलवाड़, किसी के हित में नहीं, स्वार्थवश राष्ट्रद्रोह है। (निस्संकोच टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट संपर्कसूत्र - https://t.me/ydmstm - तिलक रेलन वरि पत्रकार, युगदर्पण 👑 9971065525,
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