अंग्रेजी का नव वर्ष भले हो मनाया,
उमंग उत्साह चाहे हो जितना दिखाया;
विक्रमी संवत बढ़ चढ़ के मनाएं,
चैत्र के नव रात्रे जब जब आयें;
घर घर सजाएँ उमंग के दीपक जलाएं,
खुशियों से ब्रहमांड तक को महकाएं.
यह केवल एक कैलेंडर नहीं प्रकृति से सम्बन्ध है,
इसी दिन हुआ सृष्टि का आरंभ है.
युगदर्पण परिवार की और से अखिल विश्व में फैले हिन्दू समाज सहित,चरअचर सभी के लिए गुडी पडवा,उगादी,
नव संवत 2067 की शुभकामनाएं.
तिलक संपादक युगदर्पण. .
(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र-09911111611,9911145678,9540007993. www.bharatchaupal.blogspot.com/ www.deshkimitti.blogspot.com
देश केवल भूमि का एक टुकड़ा, एक आरामगाह, बाज़ार समझते हैं जो, कितना ही लुटा दो उन पर संतुष्ट नहीं होते। जानते हैं शोर मचाकर और लूट सकते हैं। कर्तव्य नहीं है कुछ उनका, अधिकारों का मचा शोर हैं। कर्तव्य हिन्दू के अधिकार दूसरों के-यह आज़ादी कैसी व किस की? वोटबैंक राजनीति, देश की सुरक्षा से खिलवाड़, किसी के हित में नहीं, स्वार्थवश राष्ट्रद्रोह है। (निस्संकोच टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट संपर्कसूत्र - https://t.me/ydmstm - तिलक रेलन वरि पत्रकार, युगदर्पण 👑 9971065525,
आपका लेख मुझे बहुत अच्छा लगा में चाहता हूँ की आप म.फ्उस्सैन के मुद्दे पर भी अपनी राय दें. ओर गंगा नदी बनने वाले बाँध यमुना मे प्रदूषण नाम हो रही पासे लूट खाषोट बारे म लिखें.
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