Wednesday, October 2, 2013
2008 में स्वामी लक्ष्मणानंद की हत्या के लिए 7 ईसाई दोषी ठहराए गए
पोस्ट: 1 अक्टूबर, 2013 04:00 पीडीटी
युदस.ओडिसा में प्राप्त सूचना के अनुसार, सोमवार को एक अदालत ने सात ईसाई, 5 वर्ष पूर्व 2008 में ओडिसा के कंधमाल जिले में स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती और चार सहयोगियों की हत्या के दोषी ठहराए, एक वकील ने सोमवार को कहा।
स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती जी के द्वारा किए जा रहे निष्काम समाज सेवा कार्यों से आदिवासी उनके भक्त बन रहे थे। ईसाइयों का धर्मान्तरण धंधा बंद हो रहा था। तभी ईसाइयों द्वारा स्वामी जी की हत्या के बाद स्थानीय लोग आवेश में आ जाते हैं, जिसे ईसाइयों पर हिन्दुओं का आक्रमण कह ओडिसा के चुनावों में हिन्दुओं के विरुद्ध वातावरण का कुचक्र रचा गया था।
5 वर्ष पूर्व स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती जी की हत्या का कुचक्र, हिन्दुओं के विरुद्ध वातावरण का कुचक्र, ईसाइयों को विदेशी मिशनरियों द्वारा धर्मान्तरण व कुचक्र रचने में भरपूर सहयोग की निष्पक्ष न्यायिक जाँच होनी चाहिए। साथ ही धर्म निरपेक्षता के नाम पर राष्ट्र द्रोहियों का समर्थन करने वाले शर्म निरपेक्ष चेहरे सामने आने चाहिए, उनकी भी जाँच होनी चाहिए।
ओडिसा, ईसाई, धर्मान्तरण, राष्ट्रद्रोह, शर्मनिरपेक्ष, मिशनरी,
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक
युदस.ओडिसा में प्राप्त सूचना के अनुसार, सोमवार को एक अदालत ने सात ईसाई, 5 वर्ष पूर्व 2008 में ओडिसा के कंधमाल जिले में स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती और चार सहयोगियों की हत्या के दोषी ठहराए, एक वकील ने सोमवार को कहा।
स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती जी के द्वारा किए जा रहे निष्काम समाज सेवा कार्यों से आदिवासी उनके भक्त बन रहे थे। ईसाइयों का धर्मान्तरण धंधा बंद हो रहा था। तभी ईसाइयों द्वारा स्वामी जी की हत्या के बाद स्थानीय लोग आवेश में आ जाते हैं, जिसे ईसाइयों पर हिन्दुओं का आक्रमण कह ओडिसा के चुनावों में हिन्दुओं के विरुद्ध वातावरण का कुचक्र रचा गया था।
5 वर्ष पूर्व स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती जी की हत्या का कुचक्र, हिन्दुओं के विरुद्ध वातावरण का कुचक्र, ईसाइयों को विदेशी मिशनरियों द्वारा धर्मान्तरण व कुचक्र रचने में भरपूर सहयोग की निष्पक्ष न्यायिक जाँच होनी चाहिए। साथ ही धर्म निरपेक्षता के नाम पर राष्ट्र द्रोहियों का समर्थन करने वाले शर्म निरपेक्ष चेहरे सामने आने चाहिए, उनकी भी जाँच होनी चाहिए।
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